Monday, December 31, 2012

एक झूट - एक सच

उसने माँ को फोन किया 
और कहाँ 
मेरी ट्रेनिंग ख़तम हो गयी हैं 
आजसे मैं पर्मनंट हो गयी हूँ 

माँ ने शक्कर रखी भगवान के सामने 
और दो आसूं बहाए 
बेटी के बाबा के फोटो के सामने 

उन्होंने आठ महीने पहेले 
खुदख़ुशी की थी खेत में दवाई पी कर 

और आज,
बेटी अपने एजंट से रेट का आधा हिस्सा 
पाने की ख़ुशी और ग़म 
शराब पी कर मना रही थी 

Friday, December 14, 2012

वादा

धीमी स्ट्रीट लाईट की रौशनी सूंघी थी मैंने

थोड़ी मिठास थोड़ी कड़वाहट
मेहसूस की थी उस पीले रंग की 


तुम्हारी गेहेरी काली आखों में
एक सुनहरी चमक झलकी थी 


जब फिर मिलने का वादा किया था