Friday, December 14, 2012

वादा

धीमी स्ट्रीट लाईट की रौशनी सूंघी थी मैंने

थोड़ी मिठास थोड़ी कड़वाहट
मेहसूस की थी उस पीले रंग की 


तुम्हारी गेहेरी काली आखों में
एक सुनहरी चमक झलकी थी 


जब फिर मिलने का वादा किया था

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